एनडी तिवारी आंध्र प्रदेश के राज्यपाल पद से विदा होने के बाद से उत्तराखंड में जमे हुए हैं. बुधवार को उन्होंने स्टार न्यूज को एक इंटरव्यू दिया लेकिन इंटरव्यू में ऐसे एक भी सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया जो जवाब लोग जानना चाहते हैं. सवाल जब बार-बार पूछे गए तो वो उठकर चले गए. पूरे इंटरव्यू को देखने और तिवारी जी के जवाब से बिना कहे यह बात उभर कर आती है कि कांग्रेस पार्टी ने उनसे कह दिया है कि मुंह बंद रखिए. बवाल खत्म करने के लिए बवाल को बढ़ाना सही नहीं रहेगा.
उनसे जब यह पूछा गया कि वो उस टेप में हैं या नहीं जिसको लेकर मचे बवाल के बाद उन्होंने स्वास्थ्य कारणों पर पद छोड़ने की घोषणा की. जवाब में उन्होंने न हां कहा और न ना कहा. बोले कि मेरी तस्वीर तो आजादी के समय से है. अंग्रेजों के पास थी. मेरी तस्वीरें तो बिखरी हुई हैं. बॉलीवुड, हॉलीवुड और रामोजी फिल्म सिटी में बहुत कुछ होता है. उन्होंने सीधे नहीं कहा कि तस्वीर उनकी है और वो यह कहना चाहते हैं कि उनकी तस्वीर को तकनीक के सहारे नंगी-अधनंगी लड़कियों के साथ चिपका दिया गया है. लेकिन उनका जवाब जो था, वो यही कहना चाहता था. इस जवाब को सुनकर लगता है कि सचमुच वो मंजे हुए राजनेता हैं. सीधे सवाल का भी जवाब टालना उन्हें बखूबी आता है.
उनसे जब पूछा गया कि राधिका नाम की औरत ने कहा है कि उसे राजभवन के एक अधिकारी ने खदान दिलाने का आश्वासन दिया था और तभी उसने लड़कियां भेजी थीं. तिवारी जी ने कहा कि वो राधिका को नहीं जानते. राधिका ने कभी नहीं कहा कि वो नारायण दत्त तिवारी को जानती है. उसने तो बस यही कहा था कि राजभवन के एक अधिकारी के जरिए वो दिन-रात जब भी जरूरत महसूस करते, उसे याद कर लिया करते थे. तिवारी जी इस सवाल के जवाब में राधा नाम के परिचित लोगों के नाम गिनाने लगे और यह भी बता गए कि भगवान कृष्ण वाली राधा को तो सारी दुनिया जानती है.
जब पूछा गया कि क्या आरोप लगने के बाद आप दबाव में इस्तीफा देकर हड़बड़ी में बिना औपचारिक विदाई समारोह के नहीं चल दिए तो उन्होंने कहा कि उनकी विदाई हुई और उनके पास उस विदाई की तस्वीर भी है. तस्वीर के तौर पर उन्होंने तिरुपति बालाजी की एक फ्रेम की हुई छोटी मूर्ति दिखाई जिसे उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आने से पहले भेंट की. विदाई समारोह की तस्वीर नहीं थी, विदाई के दौरान दी गई एक भेंट थी.
मामला सामने आने के बाद उनके वकील ने कहा था कि वो उस चैनल पर मानहानि का मुकदमा करेंगे जिसने यह वीडियो दिखाया है. लेकिन तिवारी जी पलट गए. बोले, मैंने कभी नहीं कहा कि मुकदमा करेंगे. इसी तरह इस स्कैंडल के सामने आने के कारणों को उन्होंने प्रेस के सामने एक बार राजनीतिक साजिश और खासकर तेलंगाना के कारण की गई साजिश करार दिया था. स्टार न्यूज पर इंटरव्यू में तिवारी जी इससे भी पलट गए. बोले, मैंने कभी नहीं कहा कि कोई साजिश है.
अब वो सिर्फ यही कह रहे हैं कि उन्होंने स्वास्थ्य के कारण इस्तीफा दिया है. स्कैंडल जैसी बातों के कारण नहीं. वैसे याद रखने वाली बात ये है कि तिवारी जी ने स्वास्थ्य कारणों पर इस्तीफे का बयान जारी किया तो उसी दिन दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि तिवारी जी ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है. तिवारी जी के स्वास्थ्य की खराबी में कांग्रेसी नैतिकता क्यों टांग अड़ा रही हैं. एक मजाकिया पत्रकार ने मुझसे कहा कि तिवारी जी के स्वास्थ्य और कांग्रेस की नैतिकता को जोड़ दीजिए, दोनों में कोई टकराव नहीं है, दोनों शब्द एक दूसरे के पूरक हैं. तिवारी जी ने स्वास्थ्यगत नैतिकता के आधार पर पद छोड़ दिया है.
उनके पूरे इंटरव्यू में उनके सभी जवाब का एकतरफा या दोतरफा विश्लेषण करने के बाद यह समझ में आता है कि कांग्रेस ने कहा होगा कि बाबा, अब आराम करने का वक्त आ गया है. सम्मानजनक तरीके से पदत्याग करके लौट आइए और चुपचाप मुद्दे को ठंडा होने दीजिए. लगता है तिवारी जी ने बदले में मामले की आंच से खुद को बचाने का आश्वासन भी लिया है. तभी तो एक तरफ रूचिका मामले में पुलिस वाले शिकायत को एफआईआर के रूप में फटाफट ले रहे हैं तो दूसरी तरफ हैदराबाद में महिला संगठनों और एक वकील की शिकायत अभी तक एफआईआर के रूप में दर्ज नहीं हो पा रही है. ये शिकायतें अनैतिक मानव व्यापार, बलात्कार और महिला से दुर्व्यवहार की धाराओं के तहत की गई हैं.
शिकायत ने प्राथमिकी की शक्ल ले ली तो तिवारी जी को शायद कोर्ट वाले अग्रिम जमानत भी न दे पाएं क्योंकि महिला से बलात्कार की भी धारा लगाने की अपील पुलिस वालों से की गई है. इन शिकायतों का क्या किया जाए, इस पर आंध्र प्रदेश पुलिस कानूनी सलाह ले रही है. हैदराबाद से तिवारी जी के निकल जाने के बाद विरोध के स्वर थम गए हैं, प्रदर्शनों का सिलसिला खत्म हो गया है. पुलिस वाले कुछ दिन और कानूनी सलाह लेने में काट लें तो हो सकता है कि कोई पूछने भी न जाए और जाए तो किसी को पता भी नहीं चल पाए कि इस पर हुआ क्या. कांग्रेस की राज्य में सरकार होने का इतना फायदा तो तिवारी जी को मिल ही सकता है. और इस फायदे के एवज में अगर तिवारी जी वीडियो से जुड़े हर सवाल का ऐसा जवाब दें जिसका कोई मतलब न निकलें, राजनीतिक साजिश के आरोप को डकार जाएं और चैनल पर मानहानि का मुकदमा भी न करें तो कांग्रेस को क्या एतराज हो सकता है.
भाई साहब राजनेता बनने के लिये क्वालिटी होनी बहुत ज़रुरी है। तभी तो इतने दिनों से नेताई पदो पर मलाई काट रहे है
ReplyDeleteइस नए ब्लॉग के साथ नए वर्ष में हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. अच्छा लिखते हैं आप .. आपके और आपके परिवार वालों के लिए नववर्ष मंगलमय हो !!
ReplyDeleteइस नए ब्लॉग के साथ हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है ..
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